कभी रो लेने दो अपने कंधे पर सिर रखकर मुझे,
कि दद॔ का बवंडर अब संभाला नही जाता ।
कब तक छुपा कर रखें आखों मे इसे,
कि आसुओं का समन्दर अब संभाला नही जाता
कि दद॔ का बवंडर अब संभाला नही जाता ।
कब तक छुपा कर रखें आखों मे इसे,
कि आसुओं का समन्दर अब संभाला नही जाता
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